भारतीय संस्कृति में Kritimukha face एक रहस्यमयी और शक्तिशाली प्रतीक माना जाता है। यह चेहरा अक्सर मंदिरों के प्रवेश द्वार, मूर्तियों और धार्मिक स्थापत्य में देखने को मिलता है। इसका उद्देश्य है – नकारात्मक शक्तियों को रोकना और स्थान की पवित्रता को बनाए रखना।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, Kritimukha को भगवान शिव ने स्वयं बनाया था ताकि वह अहंकार और नकारात्मकता को समाप्त कर सके। इसीलिए यह चेहरा क्रोधित और उग्र रूप में दर्शाया जाता है, जो बुरी शक्तियों को डराकर भगाने का कार्य करता है।
आजकल, Kritimukha face को वास्तु शास्त्र और आध्यात्मिक सजावट के लिए भी अपनाया जा रहा है। इसे घर के मुख्य द्वार, पूजा घर
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